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मायावती जी ने शाहूजी महाराज जी के जन्मदिन पर किया बीएसपी का बिहार में आगाज?
कोल्हापुर, महाराष्ट्र रियासत में दलितों को नौकरी में आरक्षण देने का क्रान्तिकारी क़दम उठाकर भारत में आरक्षण के जनक के रूप में अमर हो जाने वाले राजर्षि छत्रपति शाहूजी महाराज को आज उनकी जयंती पर शत्-शत् नमन व अपार श्रद्धा-सुमन अर्पित तथा उनके समस्त अनुयाइयों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं।
ऐसे समय में जबकि जाति के आधार पर सदियों से तोड़े व पछाड़े गए देश के ख़ासकर दलितों, आदिवासियों व अन्य पिछड़े वर्ग के लोगों को आरक्षण के उनके संवैधानिक अधिकार को निष्क्रिय व निष्प्रभावी बनाकर, उनकी अपनी बी.एस.पी. की सरकार व बहुजनों के शासक वर्ग बनने के अभाव में, उन्हें फिर से लाचार, मजबूर व गुलाम बनाने का षडयंत्र जारी है, राजर्षि छत्रपति शाहूजी महाराज के मानवीय गुणों, न्याययुक्त सरकार व अन्यायमुक्त समाज की स्थापना में उनकी ऐतिहासिक भूमिका व उनकी स्मृतियों को सजोने व स्मरण करने का महत्व व्यापक जन व देशहित में और भी अधिक बढ़ जाता है।
विशेषकर दलित व पिछड़े वर्गों में समय-समय पर जन्मे ऐसे महान संतों, गुरुओं व महापुरुषों में राजर्षि छत्रपति शाहूजी महाराज के आदर-सम्मान में तथा उनकी प्रेरणादायी स्मृति को स्थाई बनाने के लिए यूपी में बी.एस.पी. की अब तक चार बार रही मेरी सरकारों में ऐतिहासिक महत्व के अनेकों कार्य किए गए हैं, जिसमें से प्रमुख हैं उनके नाम पर नया ज़िला, शिक्षण संस्थाओं आदि का नामकरण व भव्य स्थलों/स्मारकों आदि में उनकी प्रतिमा की स्थापना, किन्तु विशेष उल्लेखनीय है राजधानी लखनऊ में यूपी का पहला छत्रपति शाहूजी महाराज मेडिकल यूनिवर्सिटी स्थापित करके उसे तुरन्त चालू करना, जिसको दलित व पिछड़े वर्ग के बहुजनों व उनके आरक्षण के हमेशा विरोधी रही समाजवादी पार्टी की सरकार द्वारा उसका नाम ज़बरदस्ती बदलकर किंग जार्ज मेकिडल यूनिवर्सिटी कर दिया गया है हालाँकि उसी नाम से लखनऊ में मेडिकल कालेज काफी पहले से ही स्थापित है।
दुखद है कि यूपी में सपा के बाद आयी भाजपा सरकार ने भी, इतना लम्बा समय बीत जाने के बावजूद, अभी तक भी सपा के ऐसे घोर द्वेषपूर्ण एवं जातिवादी रवैये को, व्यापक जनहित में ज़रूरी बदलाव/सुधार नहीं किया है। अतः छत्रपति शाहूजी महाराज मेडिकल यूनिवर्सिटी का असली नाम जितनी जल्द बहाल हो उतना बेहतर।
जय भीम जय संविधान जय शाहूजी महाराज